गुरुवार, १८ सप्टेंबर, २०२५

" विचार शृंखला: 9,10,11"

 " विचार शृंखला: 9,10,11"                        

9)    " प्रत्येक प्रॉब्लेमला उत्तर असतंच. ते सोडवायला कधी वेळ हवा असतो, कधी पैंसा तर कधी माणसं. या तीन गोष्टींच्या टप्प्यापलीकडचा प्रॉब्लेम अस्तित्वातचं नसतो. "

वपुर्झा /250/Surendra / 18092025

-----------------------------------------------------------10)      "  मार्गदर्शन फक्त एकाच बाबतीत करता येतं. कोणत्या रस्त्याने गेलं तर शॉर्टकट पडतो, इतकंच मार्गदर्शन करता येतं. मुक्कामाचं ठिकाण प्रवाशानेच पसंत करायचं असत. "

वपुर्झा /250/Surendra / 18092025

----------------------------------------------------------

11). " निरनिराळ्या लोकांच्या दृष्टिकोनातून आपण जर स्वतःला पाहू शकलो, तर आपल्याला खूप नवे मित्र आपल्यातच मिळतील. "

वपुर्झा /249/Surendra / 18092025

-----------------------------------------------------------

कोणत्याही टिप्पण्‍या नाहीत:

टिप्पणी पोस्ट करा